Skill Test Preparation

     How To Increase Short Hand Speed
आशुलिपि एक ऐसी चीज है, जिसका आप जितना अभ्यास करेंगे उतनी ही आपकी गति बढ़ती जाएगी, अगर आप अभ्यास करना बंद कर देते हैं तो जो आपकी गति अभ्यास के समय थी उससे धीर-धीरे गति कम होती चली जाएगा। इसलिए अगर आप परीक्षा पास करने की न्यूनतम गति प्राप्त कर चुके हैं तो भी आपको रोज थोड़ा समय आशिलिपि के अभ्यास के लिए जरूर निकालना चाहिए। आप प्रतिदिन कम से कम एक या दो श्रुतलेख अवश्य लिखें जिससे आपकी गति धीमी न हो।

आशुलिपि की गति बढ़ाने के तरीके
1.शब्दों को मिलाकर लिखें- श्रुतलेख के दौरान कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो अधिकतर कुछ निश्चित शब्दों के साथ आते हैं। (जैसे- सभापति महोदय, अध्यक्ष महोदय इत्यादि) ऐसे शब्दों को बहुत की छोटा तथा मिलाकर बनाना चाहिए।
2.वाक्याशों का अधिक प्रयोग करें- वाक्यांश से मेरा तात्पर्य शब्दों के ऐसे समूह से है जो ज्यादातर एक साथ प्रयोग में आते हैं। (जैसे- निवेदन करना चाहता हूँ कि, कहना चाहता हूँ कि , समर्थन करने के लिए खड़ा हुआ हूँ, मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूँ इत्यादि)। अगर आप अभ्यास करेंगे तो आप वाक्याशों को बिना पेन या पेंसिल उठाए एक ही बार में लिख सकते हैं जिससे आपका लिप्यांतरण के समय पढ़ने में समय बचेगा तथा आपकी गति में भी वृद्धि होगी।
3.श्रुतलेख के अभ्यास से- ये तरीका गति बढाने के लिए सबसे कारगर तरीका है। मान लीजिए आपकी गति 50 शब्द प्रति मिनट है। तो आपको 50 शब्द प्रति मिनट की गति से अभ्यास करने के साथ-साथ 50+5 अर्थात् 55 शब्द प्रति मिनट की गति से भी अभ्यास करना चाहिए। प्रारम्भ में आपके कुछ शब्द छूटेगें। अब आप उन शब्दों को अलग से लिखे जिन शब्दों के आने पर आपको सोचना पड़ा या गति धीमी हुई। इन शब्दों के संकेत आप बार-बार बनाएँ तथा अब फिर से उसी श्रुतलेख को लिखे, तथा जिन शब्दों पर अटके हैं उनका अलग से फिर अभ्यास करें। ऐसा बार-बार करने पर 6 या 7 बार श्रुतलेख लिखने पर आप श्रुतलेख पूरी गति से बिना किसी रुकावट के लिख सकेंगे। 
अब आप श्रुतलेख बदल-बदल कर अभ्यास करें। आप पाएगे की 5 या 6 दिन में आपकी गति में 5 शब्द प्रति मिनट की वृद्धि हो चुकी हैं। अब आप फिर से 5 शब्द प्रतिमिनट की गति बढ़ाएँ तथा उपरोक्त प्रक्रिया को दोहराएँ। इस प्रकार आपकी गति में धीरे-धीरे वृद्धि होती चली जाएगी। और आप परीक्षा पास करने की न्यूनतम गति को भी प्राप्त कर लेगें।
4. कठिन शब्दों का बार-बार अभ्यास करें- आपको एक अलग से नोटबुक बनानी चाहिए। इस नोचबुक में आप उन शब्दों को लिख सकते हैं जिन शब्दों पर आप अकसर अटकते हैं। शब्दों के सामने उनका संकेत भी बनाए तथा जब भी समय मिले आप इस शब्दों का अलग से अभ्यास करे। इस प्रकार इन शब्दों पर आपकी पकड़ मजबूत होती चली जाएगी और श्रुतलेख में इस शब्दों के आने पर आप आसानी से इनको बना सकेंगे।

 आशुलिपि के लिए उपयोगी सामग्री
1. भारतीय शासन पद्धति से सम्बंधित उपयोगी शब्द Download PDF

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